टॉप 15 शुगर में खाने वाली सब्जियों का महत्व और उनके फायदे।
अभी के वक्त में डायबिटीज को मैनेज करना आसान हो गया है। डायबिटीज के पेशेंट खानपान और लाइफ स्टाइल पर ध्यान देकर इसे मैनेज कर सकते हैं। वहीं, अगर खानपान की बात करें तो क्या आप जानते हैं कि शुगर में खाने वाली सब्जी कौन-कौन सी हैं? इनके क्या फायदे हैं? इतना ही नहीं, शुगर में किन सब्जियों से परहेज़ करना चाहिए, इन सबके बारे में भी जानना जरूरी है।
तो इस खास ब्लॉग में हम न सिर्फ शुगर में कौन कौन सी सब्जी खानी चाहिए, यह बताएंगे, बल्कि मधुमेह रोगियों के लिए सब्जियों से जुड़ी अन्य जानकारियां भी देंगे। इन सबके बारे में जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।
शुगर में कौन-कौन सी सब्जियां खानी चाहिए?
मधुमेह रोगियों के लिए सब्जियों का चयन बहुत सोच समझ कर करना चाहिए, क्योंकि डायबिटीज में डाइट बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सब्जियां हमें सभी जरूरी पोषक तत्व प्रदान करती हैं जो शरीर को सही से इंसुलिन का उत्पादन करने में मदद कर सके।
ये सब्जियां हमारे ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाए बिना हमें स्वाद और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करती हैं, लेकिन सवाल यह है कि शुगर में कौन कौन सी सब्जी खानी चाहिए? जरूरी नहीं कि सभी सब्जियां मधुमेह की स्थिति के लिए फायदेमंद और पौष्टिक ही हों।
ऐसे में आइए डायबिटीज को मैनेज करने के लिए 15 सर्वश्रेष्ठ सब्जियों के बारे में जानें जो आपके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करेंगी।
1.ब्रोकली
मधुमेह रोगियों के लिए सब्जियों में ब्रोकली सबसे अच्छी सब्जियों में से एक है। अतः शुगर में आप अपनी डाइट में ब्रोकली को शामिल कर सकते हैं। इसमें विटामिन-C के साथ फाइबर और आयरन के साथ सेलिनियम और मैग्नीशियम भी पाया जाता है, जो डायबिटीज की स्थिति में फायदेमंद हो सकता है।
इसमें ‘सल्फोराफेन’ (sulforaphane) नामक तत्व होता है। यह लिवर ग्लूकोज को कम करने में मदद करता है। इस प्रकार यह ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है। बता दें ब्रोकोली एक लो कैलोरी, लो कार्ब सब्जी है, जो डायबिटीज को मैनेज करने के साथ-साथ पूरे स्वास्थ्य पर सकारत्मक प्रभाव डाल सकती है।
कैसे खाएं:
- स्टीम करके उसमे कालीमिर्च और थोड़ा बटर डालकर खा सकते हैं।
- सब्जी बनाकर खा सकते हैं।
- रोस्ट करके स्नैक्स के रूप में खा सकते हैं।
सावधानी:
- ब्रोकली में छोटे-छोटे कीड़े हो सकते हैं, इसलिए इसे पकाने से पहले उबलते पानी में थोड़ी देर जरूर छोड़ दें ।
2.पालक
कुछ रिसर्चर बताते हैं कि पालक में विटामिन C होता है। ये एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम करता है और इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो डायबिटीज में सेल्स के डैमेज को कम कर सकता है। इसमें पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं और यह डायबिटीज रोगियों के लिए लाभदायक होती है।
कैसे खाएं:
- पालक की सब्जी बनाकर सेवन कर सकते हैं।
- घर में बना पालक का सूप पी सकते हैं।
- दाल पालक का सेवन कर सकते हैं।
- पालक पनीर खा सकते हैं।
- कभी-कभी पालक के पराठे भी खा सकते हैं।
सावधानी:
- ध्यान रहे कि प्रोसेस्ड या डिब्बाबंद पालक के सेवन से बचें। ऐसे पालक का सेवन शुगर में लाभदायक नहीं होता है।
- पालक को हमेशा अच्छे से धोकर पकाएं।
- पालक को भी पहले थोड़ा गर्म पानी में उबाल लें, क्योंकि पालक में कीड़े होते हैं।
3.टमाटर
टमाटर में विटामिन सी, विटामिन ए और पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है और इसमें कार्ब्स कम होता है। कैलोरीज़ भी कम होती है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेस्क भी कम होता है। ये आपके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। ये डायबिटीज वाले लोगों के लिए अच्छा होता है ।
बता दें टमाटर में लायकोपीन, ल्यूटिन और बीटा कैरोटीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो आंखों को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकते हैं। वहीं, मधुमेह का असर आंखों पर भी पड़ सकता है। ऐसे में डायबिटीज में आंखों को स्वस्थ रखने के लिए टमाटर का सेवन लाभकारी हो सकता है।
कैसे खाएं:
- टमाटर को सब्जी में डालकर सेवन कर सकते हैं।
- टमाटर का सूप पी सकते हैं।
- सलाद के साथ टमाटर का सेवन कर सकते हैं।
- टमाटर का जूस भी पी सकते हैं।
सावधानी:
- ध्यान रहे कि बाजार के पैक्ड टोमैटो प्यूरी के सेवन से बचें। ये शुगर पेशेंट के सेवन के लिए सही नहीं है, क्योंकि इसमें प्रिज़र्वेटिव्स होते हैं।
- हमेशा ताजे टमाटरों का उपयोग करने की कोशिश करें।
- टमाटर को काटकर ज़्यादा देर तक न रखें, बल्कि तुरंत उपयोग करें।
4.हरी बीन्स
बीन्स में प्रोटीन और घुलनशील फाइबर होता है, जो आपके पेट को काफी देर भरा रखते हैं। इसके साथ इसमें एंटीऑक्सिडेंट, पोटेशियम, मैग्नीशियम आदि, पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो डायबिटीज को मैनेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
हरे बीन्स का ग्लिसेमिक इंडेक्स भी कम होता है। साथ ही ये आपके वजन को संतुलित रख सकते हैं। बता दें, मधुमेह में वजन बढ़ने का जोखिम अधिक होता है, जिससे डायबिटीज में होने वाली जटिलताओं का जोखिम बढ़ जाता है।
कैसे खाएं:
- बीन्स की सब्जी का सेवन कर सकते हैं।
- बीन्स को हल्के तेल में फ्राई करके मील के साथ ले सकते हैं।
- मल्टीग्रैन दलिया के साथ पकाकर भी खा सकते हैं।
सावधानी:
- बीन्स का सेवन मॉडरेट अमाउंट में करें, अत्यधिक सेवन से आपको गैस की समस्या हो सकती है।
- बीन्स को हमेशा पकाकर ही खाएं, कच्चा न खाएं। कच्चे बीन्स खाने से मतली, उल्टी, पेट में दर्द, गैस की समस्या हो सकती है।
5.पत्ता गोभी
यदि आप अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखना चाहते हैं तो पत्तागोभी अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें कम कैलोरी होती है और यह फाइबर का अच्छा स्रोत है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट और एंटीहाइपरग्लाइसेमिक गुण भी होता है। इसलिए ये मधुमेह रोगियों के लिए बहुत अच्छा होता है। साथ ही इसका ग्लिसेमिक इंडेक्स भी कम होता है, जिस कारण यह डायबिटीज के लिए एक परफेक्ट खाद्य पदार्थ हो सकता है।
कैसे खाएं:
- पत्तागोभी को सब्जी बनाकर खा सकते हैं।
- सलाद के रूप में खा सकते हैं।
- सूप में मिलाकर खा सकते हैं।
- पत्तागोभी को हल्का फ्राई करके भी खा सकते हैं।
सावधानी:
- पत्ता गोभी खरीदते समय सावधानी बरतें, जिस पत्ता गोभी में छोटे-छोटे छेद हों उन्हें न खरीदें, क्योंकि उनमे कीड़े हो सकते हैं।
- काटने के पहले और बाद में अच्छे से इसे धो लें।
- पत्तागोभी पकाने से पहले उसे गर्म पानी में उबाल लें।
6.खीरा
खीरे में पानी की मात्रा अधिक होती है जो हमें हाइड्रेटेड रखता है। यह पैंक्रियाज में इन्सुलिन को बनाने में मदद करता है। दरअसल, यह अग्न्याशय (pancreas) में बीटा सेल्स को इंसुलिन का उत्पादन करने में मदद कर सकता हैं। जिससे ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
साथ ही इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जिससे ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं, इसमें फाइबर अधिक होता है जिससे यह पाचन को बेहतर कर सकता है।
कैसे खाएं:
- इसे कच्चा खा सकते हैं।
- सलाद के रूप में खा सकते हैं।
- खीरे का रायता भी बनाकर खा सकते हैं।
सावधानी:
- याद रखें बेस्ट रिजल्ट के लिए खीरे का सेवन सुबह और दोपहर में ही करें।
- इसे रात को खाने से बचें क्यों इसकी तासीर ठंडी होती है, तो रात को खाने से आपको सर्दी-जुकाम हो सकता है।
7.गाजर
डायबिटीज के पेशेंट को गाजर खाने की सलाह दी जाती है। इसमें विटामिन A, विटामिन B12, डाइट्री फाइबर होता है। साथ ही इसका जीआई भी कम होता है जो, ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
इसके अलावा, यह डायबिटिक न्यूरोपैथी के जोखिम को भी कम कर सकता है, क्योंकि इसमें विटामिन बी -6 मौजूद होता है। दरअसल, एक अध्ययन में पाया गया कि टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों में विटामिन बी-1 और बी-6 की कमी आम है।
इसके अलावा, विटामिन बी -6 की कमी के कारण डायबिटिक न्यूरोपैथी का जोखिम अधिक हो सकता है। शोध के अनुसार कम विटामिन बी-6 का स्तर मधुमेह के परिणामों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
बता दें डायबिटिक न्यूरोपैथी उस स्थिति को कहते हैं, जब मधुमेह के कारण तंत्रिकाओं को क्षति पहुंचती है। इससे अंगों में झुनझुनी, सुन्नपन का एहसास हो सकता है। ऐसे में इस समस्या के जोखिम को कम करने के लिए गाजर का सेवन लाभकारी हो सकता है।
कैसे खाएं:
- सलाद के साथ गाजर खा सकते हैं।
- गाजर का सूप बनाकर सेवन कर सकते हैं।
- गाजर को अन्य सब्जियों के साथ मिक्स वेज सब्जी बनाकर खा सकते हैं।
- सीमित मात्रा में गाजर का जूस पी सकते हैं।
सावधानी:
- अधिक मात्रा में गाजर एक साथ न खाएं, क्योंकि बहुत अधिक गाजर एक साथ खाने से आपके पेट में जलन हो सकती है।
- कुछ लोगों में गाजर एलर्जी का कारण बन सकता है। इसलिए अगर पहली बार गाजर का सेवन कर रहे हैं, तो कम मात्रा में ही सेवन करें। अगर गाजर के सेवन के बाद थोड़ी भी असुविधा महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
- अधिक मात्रा में गाजर के जूस के सेवन से दांत खराब हो सकते हैं।
8.प्याज
प्याज एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। इसमें एंटी-डायबिटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। इसमें कार्ब्स कम होते है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है, जिस कारण यह डायबिटीज के लिए एक बेहतर खाद्य पदार्थ की श्रेणी में आता है।
कैसे खाएं:
- सलाद में प्याज का सेवन कर सकते हैं।
- सब्जियों के सूप में प्याज डाल सकते हैं, इससे टेस्ट भी बढ़ेगा।
- सब्जी बनाने में प्याज का उपयोग कर सकते हैं।
- प्याज का उत्तपम या डोसा खा सकते हैं।
- सैंडविच में प्याज डालकर खा सकते हैं।
- ऑमलेट में प्याज डालकर सेवन कर सकते हैं।
सावधानी:
- प्याज का सेवन मॉडरेट अमाउंट में करें, अत्यधिक प्याज खाने से आपको एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
- सांसो से बदबू आने की समस्या भी हो सकती है।
9.भिंडी
भिंडी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। इसमें पोटेशियम, विटामिन बी और सी, फोलिक एसिड, फाइबर और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। भिंडी में हाई डायटरी फाइबर खाने को धीरे-धीरे पचाता है। फिर ये ब्लड स्ट्रीम में ग्लूकोज को धीरे-धीरे छोड़ता है जिससे, डायबिटीज को मैनेज करने में मदद मिल सकती है।
इसके अलावा, मधुमेह रोगियों में तनाव व थकान की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में भिंडी में मौजूद एंटी स्ट्रेस और एंटी फेटिग गुण डायबिटीज में तनाव व थकान के जोखिम को भी कम कर सकता है।
कैसे खाएं:
- भिंडी ग्रेवी बनाकर सेवन कर सकते हैं।
- हल्के तेल में भिंडी फ्राई करके खा सकते हैं।
- भिंडी को सांभर में डालकर खा सकते हैं।
सावधानी:
- भिंडी को मॉडरेट अमाउंट में ही खाएं, क्याेंकि ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से कब्ज की समस्या हाे सकती है।
- भिंडी में फ़्रुक्टैंस (fructans), एक प्रकार का कार्बोहायड्रेट होता है। ऐसे में इसके अधिक सेवन से मतली, उलटी, पेट दर्द, दस्त, गैस की समस्या हो सकती है।
- जिन्हें किडनी स्टोन्स की समस्या है वे डॉक्टर की सलाह के बाद ही भिंडी का सेवन करें।
क्या आप जानते हैं?
करेला खाने के बाद भिंडी का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे आपकी हेल्थ ख़राब हो सकती है। आपके शरीर को करेले के साथ भिंडी को पचाने में परेशानी हो सकती है और आपका डाइजेशन ख़राब हो सकता है। |
10.मूली
मूली में फाइबर अधिक होता है जिसकी वजह से यह डायबिटीज रोगियों के लिए बहुत अच्छी सब्जियों में से एक है। यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करती है। दरअसल, मूली में ग्लूकोसाइनोलेट और आइसोथियोसाइनेट (glucosinolate and isothiocyanate) जैसे रासायनिक यौगिक होते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
मूली खाने से आपके शरीर का प्राकृतिक एडिपोनेक्टिन (adiponectin) उत्पादन भी बढ़ता है। शरीर में इस हार्मोन का उच्च स्तर इंसुलिन प्रतिरोध से बचाव करने में मदद कर सकता है। मूली में कोएंजाइम Q10 (coenzyme Q10) नामक एंटीऑक्सिडेंट है जो मधुमेह के जोखिम को कम कर सकता है।
कैसे खाएं:
- सब्जी बनाकर खा सकते हैं।
- सलाद में मूली डालकर खा सकते हैं
- सूप बनाकर पी सकते हैं।
- कम तेल में मूली के पराठे बनाकर खा सकते हैं।
सावधानी:
- रात और खाली पेट मूली खाने से बचना चाहिए, इससे पेट दर्द हो सकता है।
- कुछ लोगों को मूली से एलर्जी की समस्या हो सकती है।
- मूली के अधिक सेवन से गैस, पेट फूलने जैसी परेशानी हो सकती है।
11.फूल गोभी
डायबिटीज को मैनेज करने के लिए फूलगोभी अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें कैलोरीज कम होती हैं। साथ ही इसमें फाइबर, विटामिन सी और फोलेट भरपूर मात्रा में पाया जाता है। फूलगोभी में मौजूद हाई फाइबर, डाइजेस्टिव सिस्टम पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकता है। साथ ही अचानक ब्लड शुगर को बढ़ने से रोकने में मदद करता है।
इसमें सल्फोराफेन (sulforaphane) नाम का यौगिक मौजूद होता है, जो मधुमेह में होने वाली जटिलताओं के जोखिम जैसे – किडनी की समस्या से बचाव कर सकता है।
कैसे खाएं:
- ग्रेवी वाली करी या सूखी सब्जी बनाकर खा सकते हैं।
- कम तेल वाले पराठे बनाकर खा सकते हैं
सावधानी:
- फूलगोभी में कीड़े होते हैं इसलिए बनाने से पहले कुछ देर उबलते पानी में डाल दें ।
- फूलगोभी के अधिक सेवन से गैस और पेट संबंधी समस्याएं हो सकती है।
- फूलगोभी में विटामिन के की अधिक मात्रा होती है, जो ब्लड क्लॉटिंग का कारण बन सकता है।
12.केल
आप केल को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। यह एक गुणकारी खाद्य पदार्थ है, जो एंटी-डायबिटिक गुणों से भरपूर होता है। यह डायबिटीज को मैनेज करने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही इसमें मौजूद विटामिन सी और अल्फा लिनोलेनिक एसिड डायबिटीज की जटिलताओं के जोखिम को कम कर सकता है।
कैसे खाएं:
- केल को स्टीम करके अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
- केल को उबालकर सलाद के साथ खा सकते हैं।
- केल का सूप बनाकर ले सकते हैं
- केल का जूस पी सकते हैं।
- केल की स्मूदी बनाकर पी सकते हैं।
सावधानी:
- केल खरीदते समय पीले या भूरे रंग के पत्तों वाले केल न चुनें।
- ध्यान रहे ताजा हरे पत्तों वाले ही केल खरीदें।
- छोटे से मध्यम आकार की पत्तियों वाले ही केल खरीदें।
- आप प्लास्टिक बैग में केल को फ्रीजर में स्टोर कर सकते हैं।
13.मशरूम
मशरूम में विटामिन डी, सेलेनियम, जिंक, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-डायबिटिक, एंटी वायरल, एंटी कैंसर और एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। डायबिटीज के लिए मशरूम बहुत अच्छा होता है। इसके सेवन से शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है। दरअसल, मशरूम का ग्लिसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिस कारण यह ब्लड शुगर लेवल को अचानक बढ़ने नहीं देता है।
कैसे खाएं:
- मशरूम की ग्रेवी वाली करी या सूखी सब्जी बना सकते हैं।
- मशरूम के सूप का सेवन कर सकते हैं
- मशरूम सैंडविच बनाकर खा सकते हैं।
सावधानी:
- फ्रेश मशरूम का इस्तेमाल करना चाहिए और बनाने से पहले गुनगुने पानी से धो लेना चाहिए।
- मशरूम का अधिक सेवन करने से पेट से जुड़ी समस्या, मतली, उलटी, थकावट जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है।
- मशरूम से कुछ लोगों को एलर्जी की भी शिकायत हो सकती है।
14.करेला
मधुमेह के लिए करेला किसी रामबाण इलाज से कम नहीं है। दरअसल, करेले में पॉलीपेप्टाइड-पी नामक यौगिक होते हैं, जो इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। पॉलीपेप्टाइड-पी या पी-इंसुलिन एक इंसुलिन जैसा हाइपोग्लाइसेमिक प्रोटीन है, जिसका डायबिटीज की समस्या में सकारात्मक असर देखा जा सकता है। अतः करेला डायबिटीज के मरीज के लिए बहुत लाभदायक सब्जी है।
कैसे खाएं:
- करेले का जूस पी सकते हैं।
- कम तेल मसाले की करेले की सब्जी खा सकते हैं।
- सूप के रूप में ले सकते हैं।
- करेले को हलके तेल में फ्राई करके खा सकते हैं।
सावधानी
- करेले की सब्जी खाने के बाद मूली का सेवन न करें। वरना आपको एसिडिटी हो सकती है।
- करेले की सब्जी के सेवन के बाद दूध या दही न खाएं। वरना आपको स्किन रैशेज, पेट में दर्द हो सकता है।
- गर्भवती करेले का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- करेला कुछ खास तरह की दवाइयों के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है। ऐसे में अगर आप किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या के लिए कोई खास दवा ले रहे हैं तो बेहतर है इस बारे में एक बार अपने डॉक्टर से सलाह लें।
- करेले या करेले के बीज के अधिक सेवन से पेट दर्द, उलटी, मतली, बुखार, सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती है।
15.चुकंदर
डायबिटीज की समस्या में होने वाली जटिलताओं जैसे – तंत्रिका क्षति, ह्रदय रोग, किडनी की समस्या और आँखों से जुड़ी परेशानियों से बचाव के लिए बीटरूट या चुकंदर काफी लाभकारी हो सकता है।
अध्ययन से पता चलता है कि चुकंदर में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और मुक्त कणों को कम कर सकते हैं। वहीं जब शरीर में मुक्त कण कम होते हैं तो मधुमेह की जटिलताएं भी कम हो सकती है।
यह विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है। ये डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है, अगर इसका सेवन संतुलित रूप से किया जाये।
कैसे खाएं:
- बीटरूट इडली का सेवन कर सकते हैं।
- सलाद में चुकंदर खा सकते हैं।
- चुकंदर सूप पी सकते हैं।
- बीटरूट की सब्जी या करी बनाकर सेवन कर सकते हैं।
सावधानी :
- इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स ऊपर दी अन्य सब्जियों से थोड़ा अधिक होता है, इसलिए बीटरूट का उपयोग मॉडरेट अमाउंट में करेंगे तो आपको बेस्ट रिजल्ट मिल सकते हैं।
- कुछ लोगों को बीटरूट से एलर्जी भी हो सकती है।
सब्जियों में मौजूद ग्लिसेमिक इंडेक्स
यहां हम सब्जियों में मौजूद जीआई वैल्यू के बारे में जानकारी दे रहे हैं, ये कुछ इस प्रकार हैं:
सब्जी के प्रकार | जीआई स्कोर |
पालक | लगभग 15 |
ब्रोकोली | लगभग 15 |
पत्तागोभी | 10 |
प्याज | 10 |
टमाटर | लगभग 10 से 15 |
हरी बीन्स | लगभग 32 |
खीरा | 15 |
लाल मूली | 15 |
भिंडी | 20 |
गाजर | 47 |
फूलगोभी | 5 से 15 |
केल | 2 और 4 |
मशरूम | 10 |
करेला | 18 |
चुकंदर | 61 |
डायबिटीज से जुड़े सवालों के जवाब पाना अब और आसान हो गया है। नीचे दिए गए विषयों को पढ़ें और जानें कि कैसे आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।
शुगर में सब्जियों को खाने के फायदे
- मधुमेह के लिए सब्जियां बहुत जरूरी होती हैं, क्योंकि सब्जियां वजन संतुलित रखने में मदद कर सकती हैं। वहीं मधुमेह में वजन बढ़ना इसकी जटिलताओं में से एक है।
- हर सब्जी में विभिन्न पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं, जिनका स्वास्थ्य के लिए अपना महत्व है। ये आपको स्वस्थ बनाये रखने और शुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
- सब्जियों में भरपूर मात्रा में फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं जो आपके पेट को काफी देर भरा रख सकते हैं और शुगर को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं।
नोट : आप सब्जियों को डाइट में शमिल जरूर करें, लेकिन ध्यान रहे आप अपने डॉक्टर द्वारा दिए गए डायबिटीज की दवा का भी नियमित रूप से सेवन करते रहें। डाइट के चक्कर में अपने मधुमेह की दवा को बंद न करें।
डायबिटीज में कौन सी सब्जियों को खाने से बचना चाहिए
ऊपर हमने जाना शुगर में कौन कौन सी सब्जी खानी चाहिए। आइये अब जानते हैं डायबिटीज को मैनेज करने के लिए किन सब्जियों से परहेज करना चाहिए। आइये जानते हैं वो सब्जियां कौन सी हैं:
आलू
आलू स्टार्च से भरपूर होता है, इसमें हरी सब्जियों की तुलना में अधिक कार्बोहाइड्रेट होता है । सामान्य आलू का जीआई 111 होता है। यह आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है।
आलू करी, फ्रेंच फ्राइज़, और आलू चिप्स जैसे आलू से तैयार प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचें। अगर आपको आलू खाने का मन हो तो बेहतर है इसे सीमित मात्रा में लें और इसके साथ कुछ फाइबर युक्त सब्जियां को अपनी डाइट में शामिल करें।
कॉर्न
जैसा कि कॉर्न फाइबर, प्रोटीन और मिनरल्स से भरपूर होता है, लेकिन इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। यह हाई कैलोरी वाली सब्जी है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 46 होता है, जो कम जीआई खाद्य पदार्थों के अंतर्गत आता है।
दूसरी ओर, पॉपकॉर्न और कॉर्न फ्लेक्स जैसे स्नैक्स में 65 और 81 जीआई होता है, अपनी रेगुलर डाइट में इसको लेने से बचना चाहिए। बेहतर है कॉर्न का सब्जी के रूप में सेवन करें, ना कि बाजार में मिलने वाले स्नैक्स के रूप में।
हमारा विश्वाश है, अब तक आप जान चुके होंगे कि शुगर में खाने वाली सब्जियां कौन-कौन सी हैं। ध्यान रहे जिन सब्जियों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है वो मधुमेह रोगियों के लिए लो शुगर वाली सब्जियां कहलाती हैं। उनका सेवन आप कर सकते हैं। ऐसे में ऊपर बताई गई लो ग्लिसेमिक इंडेक्स वाली सब्जियां शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकती हैं।
ध्यान रहें अपनी डाइट में कोई भी परिवर्तन करने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार सलाह अवश्य ले लें। याद रखें मधुमेह रोगियों के लिए सब्जियों का सेवन काफी लाभकारी हो सकता है। बशर्ते, किसी भी सब्जी का सीमित मात्रा में सेवन किया जाए।
सारांश पढ़ें
- सब्जियां पोषक तत्वों जैसे विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होती हैं। इन पोषक तत्वों में एंटीऑक्सिडेंट, एंटी इंफ्लामेट्री और एंटी डायबिटिक प्रॉपर्टीज होती है।
- अधिकांश सब्जियों में डायटरी फाइबर होता है, कार्बोहाइड्रेट और ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। ये ब्लड स्ट्रीम में ग्लूकोज को धीरे-धीरे छोड़ती हैं, जो डायबिटीज को मैनेज करने में मदद कर सकती है।
- डायबिटीज के रोगी ब्रोकली, प्याज, टमाटर, पालक, गोभी, पत्ता गोभी, हरी बीन्स, गाजर, खीरा, मशरूम, करेला, आदि सब्जियों का सेवन कर सकते हैं। इनका जीआई कम होता है और साथ ही इनमें विटामिन्स और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते है।
- आलू और कॉर्न जैसी सब्जियों से डायबिटीज के रोगियों को परहेज करना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या मधुमेह रोगियों के लिए गाजर ठीक है?
हाँ, मधुमेह रोगियों के लिए गाजर फायदेमंद है। इसमें विटामिन A, विटामिन B12, डाइट्री फाइबर होता है साथ ही इसका जीआई भी कम होता है, इसलिए यह डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
क्या पत्ता गोभी मधुमेह के लिए अच्छी है?
जी बिलकुल, पत्ता गोभी मधुमेह के लिए अच्छी होती है। इसमें फाइबर होता है। कैलोरीज कम होती हैं एंटीऑक्सिडेंट और एंटीहाइपरग्लाइसेमिक गुण भी होता है, इसलिए ये डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा है।
क्या आलू मधुमेह के लिए अच्छा है?
नहीं, आलू मधुमेह के मरीजों के लिए बिलकुल अच्छा नहीं होता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट बहुत अधिक होता है और इसका जीआई भी बहुत अधिक होता है, इसको रेगुलर खाने से आपका शुगर लेवल बढ़ सकता है।
क्या टमाटर मधुमेह रोगियों के लिए अच्छे हैं?
हाँ, टमाटर मधुमेह रोगियों के लिए अच्छे होते हैं। टमाटर में विटामिन सी, विटामिन ए और पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है और इसमें कार्ब्स कम होता है। कैलोरीज़ भी कम होती हैं। इसका ग्लाइसेमिक इंडेस्क भी कम होता है। अतः ये डायबिटीज को नियंत्रित करने में उपयोगी हो सकते हैं।
मधुमेह में किन सब्जियों से परहेज करना चाहिए?
डायबिटीज में आलू, कॉर्न और जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होता है उन सब्जियों का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।
शुगर में खाई जाने वाली सब्जियां कौन सी हैं?
शुगर में खाने वाली सब्जी की बात करें तो लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली सब्जियां जैसे ब्रोकली, पालक, टमाटर, खीरा, करेला, भिंडी आदि सभी का सेवन आप कर सकते हैं। लेख में हमने मधुमेह रोगियों के लिए लो शुगर वाली सब्जियां बताई हैं।
Source: Medicalnewstoday
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