क्या शुगर में चिरायता के फायदे होते हैं? जाने रिसर्च क्या कहता है।
हमारे देश में कई बीमारियों के उपचार और उनके लक्षणों को कम करने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और पेड़-पौधों का इस्तेमाल किया जाता है। डायबिटीज को मैनेज करने के लिए भी कुछ औषधि का उपयोग कर सकते हैं, जिनमें चिरायता भी शामिल है।
शुगर में चिरायता के फायदे कई तरह से हो सकते हैं, जो डायबिटिक को राहत दिला सकते हैं।
हालांकि, शुगर में चिरायता के फायदे, इसके उपयोग पर भी निर्भर करते हैं। तो यहां हम शुगर में चिरायता का उपयोग कैसे करें, इस बारे में विस्तार से बताएंगे।
चिरायता क्या है और शुगर में कैसे सहायता करता है?
चिरायता एक आयुर्वेदिक पौधा है, जो मुख्य रूप से हिमालय रिजन में पाया जाता है। इस पौधे के पत्ते लंबे और हरे होते हैं और इसमें बैगनी रंग का फूल खिलता है। इसके फूल, पत्ते, तने और जड़ों को कई ट्रेडिशनल दवाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके इस्तेमाल से दवा और पाउडर भी बनाए जाते हैं। चिरायता के अर्क में एंटी-डायबिटिक गुण होता है, जो रक्त शुगर को कम करने में मदद कर सकता है। इससे डायबिटीज को मैनेज करने में आसानी हो सकती है।
चिरायता अपने एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण मधुमेह को मैनेज करने में मदद कर सकता है। यह अग्नाशय यानी पैंक्रियाज़ की कोशिकाओं को नुकसान होने से रोकने में सहायक हो सकता है और इंसुलिन रिलीज़ या स्त्राव को बढ़ा सकता है। इससे रक्त शुगर के स्तर को कम या कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।
साथ ही एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि से समृद्ध होने के कारण मधुमेह रोगियों में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (फ्री रैडिकल और एंटीऑक्सीडेंट का असंतुलित होना) को कम कर सकता है। बता दें कि ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस डायबिटीज में जटिलताओं का जोखिम बढ़ा सकता है।
नोट : चिरायता आयुर्वेदिक औषधि होता है। इसलिए, अगर आप डायबिटीज की दवाई ले रहे हैं, तो इसे लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
शुगर में चिरायता के फायदे
मधुमेह में चिरायता खाने से कई लाभ हो सकते हैं, जिससे कि डायबिटीज के लक्षण कम हो सकते हैं।
1. ब्लड शुगर लेवल को कण्ट्रोल करे
शुगर में चिरायता के फायदे रक्त शुगर को कम करने के लिए हो सकता है। एक रिसर्च की मानें, तो चिरायता में ट्राइहाइड्रॉक्सी-3- मेथॉक्सिक्सैंथोन (trihydroxy-3- methoxyxanthone) नामक कंपाउंड होता है, जो ब्लड शुगर को कम करने की क्षमता रखता है। इससे मधुमेह की स्थिति में सुधार हो सकता है।
2. वजन कम करे
शुगर में चिरायता का पानी पीने से वजन कम हो सकता है। दरअसल, यह मेटाबॉलिज्म यानी चयापचय को बढ़ाता है और अधिक कैलोरी बर्न करने में मदद कर सकता है। जिससे वजन कम कम हो सकता है। बता दें डायबिटीज में शुगर लेवल मेंटेन रखने के लिए और जटिलताओं से बचाव के लिए वजन संतुलित रखना आवश्यक है।
3. घाव भरने में मददगार हो सकता है
मधुमेह में चिरायता लेने से घाव भरने की प्रक्रिया तेज हो सकती है। एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, चिरायता में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण मौजूद होते हैं, जो घाव भरने में मदद कर सकता है। यह त्वचा की कोशिकाओं को पुनः जीवित करने (Regeneration) में भी मदद कर सकता है और घाव भरने को बढ़ावा दे सकता है।
4. दर्द से राहत दिला सकता है
शुगर में चिरायता के फायदे दर्द से राहत दिलाने के लिए हो सकते हैं। दरअसल, इसे दर्द के लिए आयुर्वेदिक दवाई के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एनाल्जेसिक (Analgesic – दर्दनिवारक) और एंटीनोसाइसेप्टिव (Antinociceptive- दर्द को महसूस होने नहीं देता है) गुण पाया जाता है, जो दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
बता दें डायबिटीज में कई बार व्यक्ति को नर्व डैमेज के वजह से हाथ-पैरों में दर्द का अनुभव होता है। डायबिटीज का असर हड्डियों पर भी देखने को मिलता है, जिस कारण जोड़ों और हड्डियों में भी दर्द की शिकायत होती है।
5. कब्ज से राहत पाएं
शुगर में चिरायता का पानी पीने से कब्ज से राहत मिल सकती है। दरअसल, डायबिटीज में अधिकतर मरीज को कब्ज की समस्या होती है, जिसके लिए ट्रेडिशनल मेडिसिन की तरह चिरायता का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पाचन क्रिया में भी सुधार कर सकता है।
डायबिटीज से जुड़े सवालों के जवाब पाना अब और आसान हो गया है। नीचे दिए गए विषयों को पढ़ें और जानें कि कैसे आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।
शुगर में कब और कितना चिरायता लेना चाहिए?
मधुमेह में चिरायता कितने दिन पीना चाहिए और कब पीना चाहिए, इसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है।
शुगर में चिरायता कब लेना चाहिए:
- चिरायता से बने टॉनिक को खाने से पहले ले सकते हैं। हालाँकि, इस संबंध में सीमित रिसर्च उपलब्ध है। इसलिए, डायबिटीज में चिरायता कब लेना है, इस बारे में डॉक्टर से बात जरूर करें।
शुगर में चिरायता कितना लेना चाहिए:
- डायबिटीज में रोजाना आधा चम्मच चिरायता टॉनिक ले सकते हैं।
- आप 1 चम्मच चिरायता के रस को भी 1 गिलास पानी में भी मिक्स करके पी सकते हैं।
नोट: बेहतर है डायबिटीज में चिरायता के सेवन व मात्रा से जुड़ी जानकारी के लिए डॉक्टर से बात करें।
डायबिटीज में चिरायता को डाइट में कैसे शामिल करें?
चिरायता पीने का तरीका पता होने पर इसे लेना आसान हो जाता है।
- चिरायता के पत्तों से जूस बनाकर पी सकते हैं।
- चिरायता पाउडर को गुनगुने पानी में मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
- चिरायता का काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं।
- डॉक्टर की सलाह पर चिरायता टैबलेट और कैप्सूल भी ले सकते हैं।
शुगर में चिरायता के नुकसान
चिरायता पीने से क्या नुकसान है, इस सवाल का जवाब अक्सर कई डायबिटिक जानना चाहते हैं।
- मधुमेह में चिरायता लेने से कुछ लोगों को चक्कर आ सकता है।
- इसके कड़वे स्वाद से उल्टी हो सकती है।
- चिरायता के सेवन से हाथों में सुन्नता महसूस हो सकता है।
- चिरायता को प्रेगनेंसी के समय लेने की सलाह नहीं दी जाती है।
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शुगर में चिरायता लेते वक्त बरती जाने वाली सावधानियां
मधुमेह में चिरायता लेते समय कुछ सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है, जिससे कि इसके नुकसान से बचा जा सके।
- चिरायता को कभी भी डॉक्टर के सलाह के बिना न लें।
- चिरायता के सेवन से किसी तरह का लक्षण नजर आता है, तो इसे लेना बंद कर दें।
- लो ब्लड प्रेशर और लो ब्लड शुगर वालों को चिरायता लेने से बचना चाहिए। इतना ही नहीं अगर आप ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के लिए दवाई ले रहे हैं, तो भी चिरायता को लेने से बचें।
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसे लेने से बचना चाहिए।
- हृदय रोग के मरीज को भी चिरायता से परहेज करना चाहिए।
चिरायता आयर्वेदिक पदार्थ है, इसलिए सही सलाह पर इसका इस्तेमाल करना चाहिए। दरअसल, शुगर में चिरायता के फायदे के साथ ही इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए बेहतर है इसके सेवन से पहले एक्सपर्ट की राय लें। आप डायबिटीज में चिरायता लेने से जुड़ी सलाह लेने के लिए Phable ऐप की मदद भी ले सकते हैं।
सारांश पढ़ें
- चिरायता एक औषधि पौधा है, जिसे डायबिटीज को मैनेज करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
- इसमें एंटी-डायबिटिक प्रभाव होते हैं, जो रक्त शुगर को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- शुगर में चिरायता के फायदे ब्लड शुगर लेवल को कम करने, इम्युनिटी बूस्ट करने, दर्द से राहत दिलाने आदि के लिए हो सकते हैं।
- अगर आओ सोच रहे हैं कि चिरायता पीने से क्या नुकसान है। तो इस सूची में चक्कर आना, उल्टी होना, स्वाद खराब होना और हाथों में सुन्नता महसूस होने जैसी समस्याएं शामिल हैं।
- चिरायता लेने से कुछ लोगों को बचना चाहिए, जिनमें लो ब्लड प्रेशर, लो ब्लड शुगर, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाऐं शामिल हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
खाली पेट चिरायता पीने से क्या होता है?
खाली पेट चिरायता पीने से वजन को संतुलित करने और शुगर लेवल को कम करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, इसका स्वाद काफी कड़वा होता है, तो हो सकता है, हर किसी को खाली पेट यह सूट न करे। इसलिए बेहतर है इस बारे में डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह लें।
क्या चिरायता का पानी से मधुमेह नियंत्रण होता है?
जी हाँ, चिरायता का पानी से मधुमेह नियंत्रण में रह सकता है, क्योंकि इसमें एंटीडायबिटिक गुण होता है, जो शुगर लेवल को नियंत्रण में रख सकता है।
चिरायता किसे नहीं खाना चाहिए?
शुगर में चिरायता के फायदे कई हैं, लेकिन जिन लोगों को लो ब्लड प्रेशर और हृदय रोग है, उन्हें चिरायता नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा, गर्भावस्था में भी चिरायता का सेवन न करें।
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