डायबिटीज

ब्लड शुगर फास्टिंग टेस्ट: जानें इसके लाभ, महत्व और कैसे यह मधुमेह की सही जांच में मदद करता है।

अगर किसी में मधुमेह के लक्षण दिखाई देते हैं, तो डायबिटीज का निदान करने के लिए कई तरह के टेस्ट किये जा सकते हैं। इन्हीं टेस्ट में से एक है ब्लड शुगर फास्टिंग टेस्ट (FBS)। अब आप सोच रहे होंगे कि fbs टेस्ट क्या है, तो आपको ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है।

यहां हम एफबीएस टेस्ट कैसे किया जाता है, कब किया जाता है और फास्टिंग शुगर कितना होना चाहिए, इसकी जानकारी दे रहे हैं। तो ब्लड शुगर फास्टिंग टेस्ट से जुड़ी हर जानकारी है यहां।

 

Table of Contents

ब्लड शुगर फास्टिंग टेस्ट क्या है?

फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट एक तरह का ब्लड टेस्ट है, जिसके जरिए रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को मापा जाता है। जैसे कि इस टेस्ट का नाम ही ‘फास्टिंग’ शब्द से शुरू होता है, जिसका मतलब ‘उपवास’ है। इस टेस्ट को करने के लिए 8 से 12 घंटे तक पानी को छोड़कर कुछ भी खाने-पीने की अनुमति नहीं होती है। फिर शुगर टेस्टिंग किट से ब्लड सैंपल लेकर टेस्ट की जाती है। इससे रक्त में शुगर की मात्रा का पता चल जाता है।

इस टेस्ट को अधिकतर सुबह के समय किया जाता है। इसे घर और लैब दोनों ही जगह कराया जा सकता है। यह टेस्ट प्रीडायबिटीज, डायबिटीज या गर्भकालीन मधुमेह का निदान करने का एक आसान और सुरक्षित तरीका है।

 

फास्टिंग ब्लड शुगर कितनी होना चाहिए?

फास्टिंग ब्लड शुगर रेंज की जानकारी कुछ इस प्रकार है:

  • फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 70 mg/dL से कम है, तो लो ब्लड शुगर की समस्या हो सकती है।
  • अगर फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 99 mg/dL या इससे कम है, तो इसे सामान्य फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल माना जाता है।
  • किसी का फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 100-125 mg/dL के बीच में है, तो वे आमतौर पर प्रीडायबिटीज की सूची में आते हैं।
  • प्रीडायबिटीज का मतलब है कि आपका ब्लड शुगर स्तर सामान्य से अधिक है, लेकिन इतना अधिक नहीं है कि इसे डायबिटीज के रूप में वर्गीकृत किया जा सके।
  • 126 mg/dL या इससे अधिक फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल को डायबिटीज के रूप में इंगित किया जाता है।

डायबिटीज के लक्षण, शुगर लेवल की जांच और सही उपाय के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए नीचे दिए गए विषयों को पढ़ें। सही जानकारी से अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं।

जानें मधुमेह और शुगर टेस्ट से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
सी आर पी टेस्ट
पोस्ट-प्रैंडियल ब्लड शुगर टेस्ट
रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट
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डायबिटीज के लक्षण और उपाय

फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट की प्रक्रिया

अगर आप सोच रहे हैं कि ‘मैं FBS टेस्ट की तैयारी कैसे करूँ?’ तो इस टेस्ट की प्रक्रिया को 3 भागों में विभाजित किया जा सकता है। फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है:

डॉक्टर द्वारा फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट करने का तरीका:

टेस्ट के पहले:

  • डॉक्टर पेशेंट को टेस्ट के 8- 12 घंटे पहले कुछ भी न खाने की सलाह देते हैं।

टेस्ट के दौरान:

  • फास्टिंग ब्लड शुगर की जांच करने के लिए डॉक्टर पेशेंट के हाथ पर एक रबर की पाइप बांधते हैं, ताकि नस उभर आए।
  • फिर सुई की मदद से बांह से रक्त का सैंपल लिया जाता है।
  • टेस्ट हो जाने के बाद इस सैंपल को एक शीशी में कलेक्ट किया जाता है।
  • फिर इस ब्लड सैंपल को लैब में टेस्ट के लिए भेजा जाता है।
  • इसका रिजल्ट उसी दिन शाम तक या एक से दो दिन बाद आ जाता है।

टेस्ट के बाद:

  • अगर टेस्ट में ब्लड ग्लूकोज़ लेवल नॉर्मल आए तो ठीक है।
  • वहीं, अगर टेस्ट रिजल्ट में ब्लड ग्लूकोज़ लेवल में उतार-चढ़ाव हो तो आप इस बारे में डॉक्टर से सलाह लें।

घर में फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट करने का तरीका :

टेस्ट से पहले:

  • इस टेस्ट को सुबह किया जाता है। इसलिए, बेहतर है रात में जल्दी खाना खा लें, ताकि 8 से 12 घंटे का समय अंतराल मिल सके।
  • इस टेस्ट के 8 से 12 घंटे पहले चाय, कॉफ़ी, धूम्रपान, आदि न करें।

टेस्ट के दौरान:

  • टेस्ट करने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह धो लें।
  • अब अपने ग्लूकोमीटर में टेस्टिंग स्ट्रिप डालें।
  • फिर अपने टेस्ट किट में दिए गए लैंसेट (एक प्रकार की सुई) का उपयोग करके अपनी उंगली में धीरे से इसे चुभोएं।
  • इसके बाद, टेस्ट स्ट्रिप के किनारे को अपने रक्त से स्पर्श करें।
  • अब आपका फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल कुछ ही सेकंड में मीटर की स्क्रीन पर एक बीप साउंड के साथ दिखाई देने लगेगा।

टेस्ट के बाद: 

  • टेस्ट के बाद आपके ब्लड शुगर लेवल के अनुसार खानपान का चयन कर सकते हैं।
  • अपने लिए सही आहार का चयन करने के लिए डायटीशियन की भी मदद ले सकते हैं।
  • शुगर स्तर में अगर ज़्यादा बदलाव रहे, तो बेहतर है इस बारे में डॉक्टर से बात करें।

यह भी पढ़ें: पोस्ट-प्रैंडियल ब्लड शुगर टेस्ट (पीपीबीएस)

ब्लड शुगर फास्टिंग टेस्ट डायबिटिक के लिए क्यों जरूरी है?

ब्लड शुगर फास्टिंग कम से कम आठ घंटे के उपवास के बाद आपके रक्त में ग्लूकोज के स्तर को मापने के लिए किया जाने वाला परीक्षण है। यह आपके डॉक्टर को आपके प्लाज्मा ग्लूकोज़ स्तर की जाँच करने में सक्षम बनाता है, ताकि हाई ग्लूकोज़ लेवल से होने वाली किसी भी जटिलता से बचा जा सके। प्रीडायबिटीज और गर्भकालीन मधुमेह के निदान के लिए भी फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट सहायक हो सकता है।

 

फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट के जोखिम

फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल टेस्ट से कुछ लोगों में निम्न जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं।

  • सुई चुभाने से तेज दर्द महसूस हो सकता है।
  • गलत तरीके से टेस्ट करने पर सुई चुभाए गए स्थान पर खुजली और सूजन की समस्या हो सकती है।
  • कुछ गर्म चीजें खाते समय भी उंगली में असहजता महसूस हो सकती है।

 

हेल्दी ब्लड शुगर लेवल को कैसे मेन्टेन करें?

स्वस्थ रहने के लिए ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखना जरूरी है, जिसके लिए नीचे बताए जा रहे तरीकों को अपना सकते हैं:

  • ब्लड शुगर लेवल को नॉर्मल रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम कर सकते हैं। इसमें वॉक करना, तैरना, डांस, आदि शामिल हैं।
  • आप ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल रखने के लिए योग की मदद भी ले सकते हैं।
  • शुगर युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें।
  • डाइट में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे- सब्जियां, फल, फलियां और साबुत अनाज, आदि का सेवन बढ़ाएं।
  • हेल्दी शुगर लेवल बनाए रखने के लिए खूब पानी पीएं और हाइड्रेटेड रहें।
  • शुगर लेवल को मेन्टेन रखने के लिए पार्यप्त नींद लेना भी जरूरी है।
  • शरीर में स्वस्थ शुगर लेवल बनाए रखने के लिए मन को शांत रखना व स्ट्रेस से दूर रहना भी जरूरी होता है।
  • स्ट्रेस मैनेज करने के लिए मेडिटेड कर सकते हैं। अपने और अपने परिवार के लिए थोड़ा वक़्त निकालें, ताकि आप बेहतर महसूस कर सकें।

ब्लड शुगर फास्टिंग टेस्ट सही से करना सीखने के लिए विशेषज्ञ की मदद ले सकते हैं। साथ ही शुगर लेवल को संतुलित रखने से जुड़ी जरूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए Phable ऐप को भी डाउनलोड कर सकते हैं।

 

सारांश पढ़ें

  • फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट एक तरह का ब्लड टेस्ट है।
  • इस टेस्ट के जरिए रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को मापा जा सकता है।
  • इस टेस्ट के लिए 8 से 12 घंटे तक पानी को छोड़कर कुछ भी खाने-पीने की सलाह नहीं दी जाती है।
  • अगर फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 99 mg/dL या इससे कम है, तो इसे सामान्य, 100-125 mg/dL के बीच में है, तो प्रीडायबिटीज और 126 mg/dL या इससे अधिक है, तो डायबिटीज माना जाता है।
  • फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज़ टेस्ट घर व लैब दोनों ही जगह की जा सकती है।
  • घर में फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट के लिए बाजार में मौजूद टेस्ट किट लें।
  • घर में यह इस टेस्ट को करने के लिए पहले ग्लूकोमीटर में टेस्टिंग स्ट्रिप डाल लें।
  • फिर लैंसेट (एक तरह की सुई) का उपयोग करके उंगली में धीरे से चुभोकर स्ट्रिप के किनारे में रक्त से स्पर्श कराएं।
  • कुछ ही सेकंड में मीटर की स्क्रीन पर ब्लड शुगर लेवल दिखाई देने लगेगा।
  • फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट के जोखिम में दर्द होना, खुजली होना और सूजन होना शामिल है।
  • हेल्दी ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम, शुगरी खाद्य पदार्थों से परहेज, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन, स्ट्रेस से दूरी और योग व व्यायाम शामिल हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

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