डायबिटीज

सी आर पी टेस्ट क्या होता है और इसे कब, क्यों व किसे करवानी चाहिए? जानिए पूरी जानकारी

डायबिटीज की स्थिति में कई तरह के टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है, जिनमें से एक सीआरपी टेस्ट भी है। अब आप सोच रहे होंगे कि सीआरपी (सी रिएक्टिव प्रोटीन) टेस्ट क्या होता है और यह डायबिटीज से कैसे संबंधित है।

तो ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब मौजूद है इस ब्लॉग में। आइये जानते हैं, सीआरपी टेस्ट से जुड़ी हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी जानकारियां।

 

सीआरपी टेस्ट क्या होता है और क्यों किया जाता है?

सी-रिएक्टिव प्रोटीन (सीआरपी) टेस्ट, एक प्रकार का ब्लड टेस्ट है, जिससे रक्त में सी-रिएक्टिव प्रोटीन (सीआरपी) के स्तर को मापा जा सकता है। सीआरपी एक प्रोटीन है, जिसे आपका लीवर बनाता है। आमतौर पर रक्त में सी-रिएक्टिव प्रोटीन का स्तर कम होता है।

यदि आपके शरीर में सूजन है, तो आपका लिवर आपके रक्तप्रवाह (bloodstream) में अधिक सीआरपी रिलीज़ करता है, जिससे सीआरपी लेवल बढ़ने लगता है। सीआरपी का स्तर अधिक है तो आपको किसी तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, जो सूजन का कारण बन रहा हो।

इस टेस्ट को इंफेक्शन, इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज, ऑटोइम्यून डिजीज, लंग डिजीज आदि का पता लगाने के लिए किया जाता है। डायबिटीज में प्रो-इंफ्लेमेटरी डिजीज (इंफ्लेमेशन रिएक्शन यानी सूजन के जोखिम को बढ़ाने वाली समस्या) के लिए भी इस टेस्ट को कराने की सलाह दी जा सकती है।

 

सीआरपी टेस्ट की प्रक्रिया

जो लोग सोच रहे हैं कि सीआरपी टेस्ट कैसे किया जाता है, तो उन्हें बता दें कि:

  • डॉक्टर सबसे पहले इंजेक्शन की मदद से आपकी बांह की नस से रक्त का सैंपल लेते हैं।
  • इसके बाद रक्त को टेस्ट ट्यूब या शीशी में कलेक्ट करते हैं।
  • फिर रक्त के सैंपल को लैब में टेस्ट के लिए भेजते हैं।
  • जिससे कि रक्त में सीआरपी का पता लगाया जा सके।
  • आमतौर पर यह प्रक्रिया पांच मिनट में हो जाती है।
  • हालांकि, टेस्ट का परिणाम आने में एक से दो दिन लग सकते हैं।

 

सीआरपी टेस्ट और डायबिटीज के बीच में संबंध

टाइप 2 डायबिटीज़ के लिए सीआरपी टेस्ट किया जा सकता है। रिसर्च की मानें, तो हाई सीआरपी लेवल के कारण मधुमेह का जोखिम बढ़ जाता है। वहीं, अगर आपको डायबिटीज है और आपका सीआरपी लेवल बढ़ा हुआ है, तो इससे डायबिटीज की समस्या गंभीर हो सकती है। इसके अलावा, डायबिटीज में अन्य तरह की जटिलताएं बढ़ सकती है।

 

डायबिटिक को कितनी बार सीआरपी स्तर की जांच करवानी चाहिए?

डायबिटीज में सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट को साल में दो बार करवाना चाहिए। इस टेस्ट को 2 हफ्तों में पूरा किया जाता है। पहले हफ्ते के टेस्ट में इंफ्लेमेशन का पता चलने पर अगले हफ्ते भी टेस्ट के लिए बुलाया जाता है। जिससे अगले हफ्ते के टेस्ट से पता चल सके की समस्या एक्यूट है या क्रोनिक।

डायबिटीज के अलावा, जो लोग उम्र में 45 वर्ष से ज्यादा हैं, वे साल में दो बार और जिन लोगों की उम्र 30 से 45 वर्ष है, वे साल में 1 बार इस टेस्ट को जरूर करवाएं। आप इस बारे में अपने डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं।

डायबिटीज के लक्षण, शुगर लेवल की जांच और सही उपाय के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए नीचे दिए गए विषयों को पढ़ें। सही जानकारी से अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं।

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सीआरपी लेवल कितना होना चाहिए?

सीआरपी लेवल को मिलीग्राम प्रति लीटर (mg/L) में मापा जाता है। इसके लेवल से जुड़ी जानकारी कुछ इस प्रकार है:

  • अगर सीआरपी लेवल 10 mg/L से कम है, तो इसे सामान्य माना जाता है।
  • सीआरपी का स्तर 10 mg/L के बराबर या उससे अधिक है, तो इसे हाई सीआरपी लेवल माना जाता है।

 

सीआरपी लेवल टेस्ट किसे करवाना चाहिए?

सीआरपी लेवल की जांच कुछ स्थितियों के लिए अनिवार्य हो सकती है।

  • बार-बार उल्टी और मतली (nausea) होने पर सीआरपी की जांच करवाएं।
  • बार-बार बुखार होने पर या बिना किसी कारण ठंड का एहसास होने पर यह टेस्ट करवाने की सलाह दी जा सकती है।
  • रुमेटीइड आर्थराइटिस (rheumatoid arthritis – गठिया का एक प्रकार, जिसमें जोड़ों व हड्डियों में दर्द की समस्या होती है) या ल्यूपस (lupus) जैसी क्रोनिक इंफ्लेमेटरी डिजीज होने पर सीआरपी स्तर का जांच करवानी चाहिए।
  • अगर आपको इन्फेक्शन के कारण सूजन है, तो इस टेस्ट को करवाना चाहिए।
  • ह्रदय गति में बदलाव महसूस होने पर।
  • हृदय रोग की समस्या से जूझ रहे लोगों को सीआरपी टेस्ट करवाना चाहिए।
  • अस्थमा होने पर इस टेस्ट को करवाएं।

 

डायबिटीज में सीआरपी का स्तर अधिक होने पर क्या करें?

जरूरी नहीं कि सीआरपी लेवल को कम करने के लिए सिर्फ दवाइयों की ही जरूरत हो। डायबिटीज में सीआरपी का स्तर अधिक होने पर कई सामान्य तरीकों को अपनाकर इसे कम किया जा सकता है। सीआरपी कम करने के उपाय कुछ इस तरह से हो सकते हैं :

  • सीआरपी लेवल को संतुलित करने में व्यायाम मदद कर सकता है। इसलिए, हफ्ते में कम से कम 3 से 4 दिन 30 मिनट तक व्यायाम कर सकते हैं।
  • सीआरपी स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए हेल्दी आहार भी मदद कर सकता है। इसलिए, जिन लोगों का सीआरपी स्तर बढ़ा हुआ है, वे सब्जियां (पालक, ब्रोकली, लौकी आदि), फल (सेब, संतरा, बेरीज आदि) को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
  • अगर सोच रहे हैं कि सीआरपी स्तर को कैसे कम करें, तो इसके लिए वजन कम करना मददगार हो सकता है। इसलिए, डायबिटीज में सीआरपी को कम करने के लिए वेट मैनेजमेंट के तरीकों को अपनाया जाता है।
  • सीआरपी लेवल को कम करने के लिए इसे बढ़ाने वाले कारकों का पता लगाकर उसका इलाज किया जा सकता है।
  • इन उपायों के बाद भी अगर डायबिटीज में सीआरपी का स्तर बढ़ा हो, तो आप डॉक्टर से इस बारे में बात कर सकते हैं।
  • फिर डॉक्टर द्वारा बताए गए दवाइयों और ट्रीटमेंट को फॉलो कर सकते हैं।

डायबिटीज में सीआरपी टेस्ट करवाना बेहतर होता है। इससे डायबिटीज के अलावा लिवर से जुड़ी समस्याओं का भी पता चल सकता है। साथ ही रक्त में सीआरपी लेवल में वृद्धि नजर आती है, तो इसे कम करने के उपायों को अपनाया जा सकता है, जिससे कि समस्या को गंभीर होने से रोका जा सके।

 

सारांश पढ़ें

  • सी-रिएक्टिव प्रोटीन (सीआरपी) टेस्ट एक प्रकार का ब्लड टेस्ट है, जिससे रक्त में सी-रिएक्टिव प्रोटीन के स्तर को मापा जा सकता है।
  • सीआरपी एक प्रोटीन है, जिसे आपका लीवर बनाता है।
  • सीआरपी टेस्ट के लिए इंजेक्शन से बांह की नस से रक्त का सैंपल लिया जाता है, जिसे टेस्ट ट्यूब या शीशी में एकत्र कर लैब में टेस्ट किया जाता है, ताकि सीआरपी लेवल का पता चल सके।
  • हाई सीआरपी लेवल के कारण मधुमेह का जोखिम बढ़ जाता है।
  • वहीं, अगर किसी को डायबिटीज है और उसका सीआरपी लेवल बढ़ा हुआ है, तो इससे डायबिटीज की जटिलताएं बढ़ सकती है।
  • डायबिटिक्स को साल में दो बार सीआरपी टेस्ट करवाना चाहिए।
  • अगर सीआरपी लेवल 10 mg/L से कम है, तो इसे सामान्य माना जाता है। वहीं, 10 mg/L के बराबर या उससे अधिक है, तो इसे हाई सीआरपी लेवल माना जाता है।
  • डायबिटीज में बढ़े हुए सीआरपी लेवल को कम करने के लिए हेल्दी आहार, नियमित व्यायाम और वजन को मैनेज करने के उपाय, आदि को अपना सकते हैं।

 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या उच्च सीआरपी का मतलब मधुमेह है?

उच्च सीआरपी का मतलब मधुमेह नहीं होता है, पर इससे मधुमेह का जोखिम बढ़ जाता है।

आप सीआरपी स्तरों को कैसे नियंत्रित करते हैं?

सीआरपी स्तर को उचित दवाई, खानपान, नियमित व्यायाम, आदि की मदद से नियंत्रित कर सकते हैं।

ग्लूकोज सूजन को कैसे प्रभावित करता है?

ग्लूकोज लेवल बढ़ने पर सूजन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इससे व्यक्ति के शरीर की स्वस्थ कोशिकाएं भी प्रभावित हो सकती है। जिससे कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती है। इसके साथ ही यह इन्सुलिन रेजिस्टेंस (insulin resistance – एक ऐसी स्थिति जिसमें कोशिकाएं इंसुलिन हॉर्मोन के प्रति प्रतिक्रिया नहीं दे पाती है और ब्लड ग्लूकोज को एनर्जी में नहीं बदल पाती है) का भी कारण बन सकता है। जिससे यह डायबिटीज की स्थिति का कारण बन सकता है।

क्या उपवास सीआरपी को कम करता है?

जी हाँ, उपवास करने से सीआरपी स्तर कम हो सकता है।

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